
भोपाल (महामीडिया) भारत में कोरोनोवायरस के सकारात्मक मामलों की संख्या में इस हफ्ते नाटकीय रूप से वृद्धि देखी गई है, इसके साथ ही संक्रमित मरीजों का आकड़ा भी छह से बढ़कर 25 से ज्यादा हो गया है। हैदराबाद और गुरुग्राम में भी कुछ सकारात्मक मामले सामने आए हैं, पर इसकी पुष्टि अभी सरकार ने नहीं की है। सक्रिय कोरोनोवायरस संक्रमण वाले तीन शहरों में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, जयपुर और हैदराबाद शामिल हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने खुलासा किया है कि कोविड-१९ की वजह से दुनिया किसी अज्ञात क्षेत्र में है, इस श्वसन वायरल संक्रमण का वैश्विक समुदाय ने कभी भी सामना नहीं किया है और जो सामुदायिक संचरण में सक्षम है । इसके अलावा, जानलेवा कोविड-१९ को लेकर कई मिथकों ने दुनियाभर में तूफान मचा दिया है, इसमें सोशल मीडिया ने सही और गलत, दोनों तरह की सूचना को फैलाने में प्रमुख भूमिका निभाई है।
संक्रमण के सामान्य लक्षणों में श्वसन संबंधी लक्षण, बुखार और खांसी, सांस लेने में तकलीफ और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। अधिक गंभीर मामलों में, संक्रमण से निमोनिया, सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, गुर्दे के फेल होने और यहां तक कि मृत्यु का कारण भी बन सकता है।
पालतू संक्रमण: हॉन्ग कॉन्ग में एक पालतू कुत्ते का कोविड-१९ टेस्ट ‘आंशिक तौर पॉजिटिव पाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह कुत्ता पोमेरेनियन नस्ल का है। इसकी ऑनर 60 वर्षीय महिला है, जो कोरोना वायरस से संक्रमित है। महिला का इलाज चल रहा है। लोकप्रिय धारणाओं के विपरीत यह दुनिया का पहला मामला है जब इंसान से जानवर में कोरोना वायरस पहुंचा है। हालांकि यह पहला ही पहला मामला, पर सावधानी के लिए ही सही पर अपनी और अपने पालतू की सुरक्षा के लिए हाथ धोना एक अच्छा साफ़ सफाई का तरीका है। कोरोनोवायरस ज़ूनोटिक है, जिसका अर्थ है कि वे जानवरों और लोगों के बीच संचारित हो सकता है। । विस्तृत जांच में पता चला है कि कोरोना वायरस ज़ूनोटिक है जो जानवरों के माध्यम से इंसानों को होता है। जो सबसे पहले SARS-CoV सीविट बिल्ली से इंसान को हुआ, और फिर MERS-CoV ड्रोमेडरी ऊंट से इंसान को हुआ। इसके साथ ही कई ऐसे कोरोना वायरस जानवरों में पाया जा रहा है, जिसकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है और न ही इन जानवरों के संक्रमण का शिकार इंसान हुआ है।
हैंड ड्रायर्स: नए कोरोनोवायरस को खत्म करने में हैंड ड्रायर्स कारगर नहीं हैं। इसके बजाय, अपने हाथों को बार बार किसी अल्कोहल-आधारित क्लीन्ज़र या साबुन और पानी से साफ़ करना चाहिए। एक बार जब वो साफ हो जाए, तो उन्हें कागज के तौलिये या गर्म हवा के ड्रायर का उपयोग करके सूख लिया जाना चाहिए।
एंटीबायोटिक्स: एंटीबायोटिक्स केवल बैक्टीरिया के खिलाफ काम करते हैं न कि वायरस के। कोविड-१९ एक वायरस है और इसलिए इसके खिलाफ एंटीबायोटिक्स का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
फेस मास्क: N95 जैसे टाइट-फिटिंग रेस्पिरेटर हेल्थकेयर वर्कर की रक्षा कर सकते हैं, लेकिन डिस्पोजेबल लाइटवेट सर्जिकल मास्क इतने अधिक प्रभावशाली साबित नहीं होते है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह किसी बड़ी बूंदों, स्प्रे और छींटों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है, लेकिन इससे छोटी बुँदे नाक, मुंह और आंखों में प्रवेश कर सकती है ।
आयु: सभी उम्र के लोग कोविड-१९ से संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन बुजुर्ग और जिन्हे पहले से कोई स्वस्थ सम्बन्धी समस्या हो, पर संक्रमण का खतरा ज्यादा होता हैं। संक्रमण को रोकने के लिए मानक सिफारिशों में शामिल हैं-
1. नियमित रूप से हाथ धोना।
2. खांसने और छींकने पर मुंह और नाक को ढंकना, मांस और अंडे को अच्छी तरह से पकाना।
3. श्वसन संबंधी बीमारी जैसे खांसी और छींकने के लक्षण दिखाने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से बचें।