
महाराष्ट्र के कई इलाकों में कोरोना संक्रमण फिर पैर पसारने लगा है। बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने अमरावती जिले में एक सप्ताह के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला किया गया है। लॉकडाउन के दौरान सिर्फ आवश्यक सेवाओं के संचालन को अनुमति दी गई है। इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सोमवार से राज्य में राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक समारोहों पर रोक लगा दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक देश में संक्रमण के कुल सक्रिय मामलों में से 72 प्रतिशत अकेले केरल और महाराष्ट्र से हैं । पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण लोगों को पारिवारिक कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ा था, जो अब शुरू हो रहे हैं और सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी संख्या में लोग एकत्र होने लगे हैं । सामाजिक दूरी का ख्याल नहीं रखने और मास्क नहीं पहनने के कारण ऐसे लोगों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
स्कूल और कॉलेजों के खुलने से बच्चों में भी संक्रमण की संभावना बढ़ रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के तीसरे चरण के सीरो-सर्वे में यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि दिसंबर, 2020 तक पांच में से एक भारतीय सार्स-सीओवी-2 कोरोनावायरस की चपेट में आ चुका है। वायरस से हर्ड इम्युनिटी के लिए यह दर 70 प्रतिशत तक होनी चाहिए। सीरो-सर्वे का संदेश स्पष्ट है कि देश की आबादी के एक बड़े हिस्से पर संक्रमण का जोखिम अभी बरकरार है । न तो सीरो सर्वेक्षण से और न ही किसी शहर में हुए सर्वेक्षण से यह स्पष्ट है कि कब तक एंटीबॉडीज बनी रहती है और क्या उत्परिवर्ती वायरस एंडीबॉडीज से सुरक्षा को दूर सकते हैं । आमजन के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराने की कोशिशें जारी हैं। अभी तक कोई भी जिला संक्रमण के खतरे से पूर्णत: मुक्त नहीं हुआ है, यानी देश की बड़ी आबादी पर संक्रमण का जोखिम बना हुआ है।
टीकाकरण अभियान के साथ-साथ आइसीएमआर और सरकारी स्वास्थ्य सेवा तंत्र को आपसी भागीदारी से नयी और प्रभावी कार्ययोजना पर काम करना होगा । चूंकि, अब एक जगह से दूसरी जगह पर लोगों की आवाजाही बढ़ रही है और पारिवारिक व सामाजिक कार्यक्रमों में भीड़ होने लगी है। ऐसे में हमें और सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है । हर्ड इम्युनिटी की स्थिति में आने के बावजूद भी संक्रमण से बचाव का वह पुख्ता उपाय नहीं हो सकता। सीरो सर्वे में भले ही एंटीबॉडीज बनने की बात कही जा रही है, लेकिन यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है कि यह एंटीबॉडीज कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए कितनी प्रभावी है। फिलहाल, हमें सोशल वैक्सीन यानी मास्क पहनने, हाथ धोते रहने और दो गज की दूरी बनाये रखने पर अधिक ध्यान देना होगा।
दुर्भाग्य से कुछ लोग सडक पर पुलिसवालों के सामने तो मास्क पहनते हैं, लेकिन आगे जाकर मास्क दिखावे के लिए गले में लटका लेते हैंI "हेलमेट" पहनने के अभियान के साथ भी यही हुआI प्रसाशन और कोर्ट के आदेश बावजूद कई दुपाहिया चालक हेलमेट लेकर तो चलते हैं, मगर पहन कर नहीं I मास्क पहनने के अभियान के साथ ऐसा ना होI मास्क पहनना केवल समय की मांग ही नहीं है, बल्कि यह आपकी, आपके परिवार की सुरक्षा के लिए हैI मास्क को उत्साह, स्वाभिमान और साहस के साथ पहनिएI इसे महामारी से लडने और उसे हराने के लिए पहनिएI सोशल डिस्टेसिंग के दौरान भी इसे एक-दूसरे को पहनने के लिए प्रेरित करें, बाध्य करेंI अपने देश और समाज की रक्षा के लिए मास्क पहनेI इसे आदत बनाएंI