रायपुर (महामीडिया) अटल विहारी वाजपेयी को याद करते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा है कि वाजपेयी अजातशत्रु थे। वे पार्टी पार्टी लाइन से ऊपर उठकर काम करते थे। प्रतिभा को तरहीज देते थे। महसूस नहीं होने देते थे कि कौन भाजपा का है, और कौन कांग्रेस का।बकौल अजीत जोगी, अटलजी हमेशा युवाओं को मौका देते थे। संयुक्त राष्ट्र संघ की पचासवीं वर्षगांठ के मौके पर वहां दो सौ राष्ट्रों के प्रतिनिधि मौजूद थे। उसमें भारत से अटल विहारी वाजपेयी, शरद पवार और मुझे जोगी को जाने का मौका मिला। संयुक्त राष्ट्र संघ में अटल को प्रतिनिधित्व करना था भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. पीवी नरसिंहा राव का फोन अटल के पास आया।राव ने अटल से कहा कि कल भारत की तरफ से आपको प्रतिनिधित्व करना है, तैयारी कर लें। अटल विहारी ने जबाब दिया कि हमारी तैयारी हो गई है। थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे बुलाया और कहा कि अजीत भारत की तरफ से कल तुम संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रतिनिधित्व करोगे। जब मैंने कहा कि प्रतिनिधित्व तो आपको करना है, तो उन्होंने कहा कि तुम भारत की तरफ से प्रतिनिधित्व करोगे, मुझे कई मौके मिलेंगे, लेकिन तुमको नहीं मिलेगा। अटल के आदेश के बाद हमने संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रतिनिधित्व किया था।छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने बताया कि वह अजातशत्रु थे। अटल विहारी जब प्रधानमंत्री थे उस समय महाराष्ट्र, तेलगांना, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार का विभाजन कर अलग-अलग राज्य बनाने की मांग की जा रही थी। अटल विहारी ने उस समय एक फार्मूला बनाया कि यदि कोई राज्य अपने अंग को अलग राज्य का दर्जा देना चाहता है और इस संबंध में विधानसभा में सर्व सम्मति से प्रस्ताव लाता है तो उसे अलग राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा। सिर्फ बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश ही सर्व सम्मति से प्रस्ताव पेश कर पाए थे।