
भोपाल (महामीडिया) ओपेक सदस्यों और 10 अन्य तेल उत्पादक देशों ने कच्चे तेल की गिरती कीमत थामने के मकसद से तेल उत्पादन में रोजाना 1.2 मिलियन बैरल कटौती का फैसला किया है. इस फैसले को 2019 के चुनाव से पहले मोदी सरकार के लिए एक नए संकट के संकेत की तरह देखा जा रहा है.ओपेक देशों के बीच हुआ समझौता यूं तो पहली जनवरी से प्रभावी होगा, लेकिन पेट्रोल की कीमतें अभी से बढ़नी शुरू हो गई है. ओपेक के इस फैसले के तुरंत बाद कच्चे तेल की कीमत में पांच प्रतिशत का भारी उछाल देखा गया." >
भोपाल (महामीडिया) ओपेक सदस्यों और 10 अन्य तेल उत्पादक देशों ने कच्चे तेल की गिरती कीमत थामने के मकसद से तेल उत्पादन में रोजाना 1.2 मिलियन बैरल कटौती का फैसला किया है. इस फैसले को 2019 के चुनाव से पहले मोदी सरकार के लिए एक नए संकट के संकेत की तरह देखा जा रहा है.ओपेक देशों के बीच हुआ समझौता यूं तो पहली जनवरी से प्रभावी होगा, लेकिन पेट्रोल की कीमतें अभी से बढ़नी शुरू हो गई है. ओपेक के इस फैसले के तुरंत बाद कच्चे तेल की कीमत में पांच प्रतिशत का भारी उछाल देखा गया.