मथुरा (महामीडिया) भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीराधा अष्टमी पर्व मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार अष्टमी के दिन श्रीकृष्ण की बाल सहचरी राधाजी का जन्म हुआ था। राधा के बिना श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व अधूरा माना जाता है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति अपने समस्त पापों से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त कर लेता है। आज ब्रज में राधा अष्टमी का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। बरसाना के ब्रह्मांचल पर्वत पर स्थित राधा रानी मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है। बरसाना के साथ-साथ अष्ठ सखियों के गांवों में भी लाडली जी के जन्मोत्सव की धूम है।
राधा अष्टमी व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त-
-राधा अष्टमी 2019 तिथि- 6 सितंबर 2019 -राधा अष्टमी 2019 शुभ मुहूर्त- अष्टमी तिथि 5 सिंतबर 2019 में रात 8 बजकर 49 मिनट से आरंभ होकर 6 सिंतबर 2019 को रात 8 बजकर 43 मिनट पर समाप्त हो रही है।
राधा अष्टमी उद्यापन विधि-
-राधा जी के व्रत के उद्यापन में एक सूप लिया जाता है।
-उस सूप में श्रृंगार की सभी वस्तुएं रखी जाती है।
-इसके बाद सूप को ढंक दिया जाता है और 16 दीए जलाए जाते हैं।
-इसके बाद चंद्रमा को अर्ध्य दिया जाता है और लक्ष्मी जी को घर आने का निमंत्रण दिया जाता है।
-अंत में श्रृंगार की सभी वस्तुओं को दान कर दिया जाता है।