
भोपाल (महामीडिया) दुनियाभर में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं भारत में होती हैं I हमारे देश में हर साल डेढ़ लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवा देते हैं I वर्ष 2019 में लगभग 4.81 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, जिनमें 1.51 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई और 4.39 लाख लोग घायल हुए I देश में प्रतिदिन औसतन 415 लोग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवा देते हैं I सड़क हादसों में भारत कस बाद चीन का नंबर आता है I ट्रैफिक नियमों की अनदेखी हमारे समाज में रची बसी है I नाबालिगों का वाहन चलाना और उल्टी दिशा में वाहन चलाना आम बात है I विपरीत दिशा में वाहन चलाना कुछ लोग अपनी शान समझते हैं I विषय की गंभीरता देखिये की देश में कोरोना काल से अब तक लगभग डेढ़ लाख मौतें हुई हैं I
इन सब के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं की ओर हमारा ध्यान नहीं है I इनकी रोकथाम के हम समुचित उपाय नहीं कर रहे हैं I सबसे अधिक दोपहिया वाहन दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं और जान गंवाने वालों में सबसे अधिक युवा हैं I आप अंदाज लगा सकते हैं कि किसी युवा का हादसे में चला जाना परिवार पर कितना भारी पड़ता होगा I तेज गति से वाहन चलाना, सीट बेल्ट का इस्तेमाल न करना, वाहन चलाने के दौरान मोबाइल पर बात करना, शराब पीकर वाहन चलाना, मोटर साइकिल चालक और सवारी का हेलमेट नहीं लगाना भी हादसों के कारण बनते हैं I हादसे की एक अन्य वजह है- गलत दिशा में वाहन चलाना I यह समस्या आम है I कई बार सड़क हादसों में वाहन सवार लोगों की दुर्घटना स्थल पर ही मौत हो जाती है I
नये बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए नयी स्क्रैप पॉलिसी की घोषणा की है I इसके बाद यह विषय विमर्श में आया है I नयी नीति के मुताबिक, 20 साल से पुराने लाखों वाहनों को स्क्रैप किया जायेगा I माना जा रहा है कि इससे गाड़ियों की वजह से होने वाले प्रदूषण में 25 से 30 फीसदी की कमी आयेगी I साथ ही पुराने वाहन अनेक बार दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं I परिवहन मंत्रालय ने भी कहा है कि नयी स्क्रैप पॉलिसी के आने से ऐसे वाहनों के उपयोग में कमी आयेगी, जो पर्यावरण को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं I मंत्रालय का कहना है कि वाणिज्यिक वाहन वाहनों से होने वाले कुल प्रदूषण में लगभग 65-70 फीसदी योगदान करते हैं I इसमें पुराने वाहनों का भारी योगदान होता है और ये अनेक बार दुर्घटना के कारण भी बनते हैं I
ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब हम अखबारों में किसी बड़े सड़क हादसे की खबर न पढ़ते हों I ऐसा नहीं कि केवल आम आदमी ही इन हादसों को शिकार होता हो I कुछ समय पहले केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक भी सड़क दुर्घटना में घायल हो गये थे I कर्नाटक के अंकोला में उनकी कार दुर्घटना का शिकार हो गयी I श्रीपद नाइक कर्नाटक में धर्मस्थल से गोवा लौट रहे थे I इस हादसे में मंत्री की पत्नी और निजी सचिव की मौत हो गयी थीI हाल ही में झारखंड कैबिनेट ने सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद के लिए आगे आने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘नेक आदमी’ नीति को स्वीकृति दी है I इसके तहत घायलों को दुर्घटना के प्रथम घंटे में अस्पताल पहुंचाने में मदद देने वाले व्यक्ति को ‘नेक आदमी’ का तमगा देते हुए सम्मानित किया जायेगा और इनाम दिया जायेगा I यह बहुत ही प्रशंसनीय कदम हैं I अक्सर देखने में आता है कि सड़क किनारे कोई दुर्घटना हो जाती है और कोई मदद को आगे नहीं आता है I नतीजतन अनेक घायलों की मौत हो जाती है I
केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उम्मीद जतायी है कि उनका मंत्रालय अनेक उपाय अपना रहा है और वर्ष 2025 तक सड़क दुर्घटनाएं और इसके कारण होने वाली मौतों में लगभग 50 प्रतिशत तक कम आ जायेगी I गडकरी के अनुसार प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं में 415 लोगों की मौत हो जाती है I उनके अनुसार सरकार सड़क पर दुर्घटना संभावित क्षेत्र की पहचान करने और उसके समाधान के लिए 14 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी I सड़क हादसा केवल कानून व्यवस्था का मामला भर नहीं है, बल्कि एक सामाजिक समस्या भी है I अगर हमें सड़क हादसों से बचना है, तो हम सभी को यातायात नियमों का पालन करना होगा I